परमपिता शिव अजन्मा, अभोक्ता हैं व उनका स्वरूप ज्योतिर्बिन्दु है :  बी के मुकेश दीदी-बी के शीना दीदी

रमपिता शिव अजन्मा, अभोक्ता हैं व उनका स्वरूप ज्योतिर्बिन्दु है :  बी के मुकेश दीदी-बी के शीना दीदी

चण्डीगढ़ : प्रजा पिता ईश्वरीय विश्व विद्यालय ब्रह्माकुमारीज, मनीमाजरा में शिव जयंती का पर्व अर्थ सहित बहुत धूमधाम से मनाया गया जिसमे सेक्टर 21 इंचार्ज राजयोगिनी बी के मुकेश दीदी जी और मनीमाजरा सेण्टर इंचार्ज बी के शीना दीदी दोनों की उपस्थिति में परमात्मा शिव के अवतरण का सन्देश सबको सुनाया गया एवं इस शुभ अवसर पर केक कटिंग और झंडा चढ़ाया गया तथा सेण्टर की रेगुलर स्टूडेंट्स द्वारा गीतों की प्रस्तुति भी दी गयी। कार्यक्रम में एक्स मेयर सरबजीत कौर, एक्स डेप्युटी मेयर जगतार सिंह जग्गा, आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट गुरसेवक सिंह, इमाम एमएचसी मनीमाजरा मस्जिद मौलाना अरशद, प्रेसिडेंट मार्केट कमेटी मनीमाजरा मलकीत सिंह, असिस्टेंट कमांडेंट सीआरपीएफ मनीमाजरा, एएसआई सुरजीत कौर, वाइफ ऑफ पंचकुला डीसी सोनिया सरवन, एक्स मेयर पंचकुला उपेंद्र अहलूवालिया, साधना वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हेड कोऑर्डिनेटर विजया, डायरेक्टर एमआरडी स्कूल माता राम धीमान, वैदिक गर्ल्स स्कूल वाइस प्रिंसिपल रीमा, रिटायर्ड इंजीनियर एलके कौल, गवर्नमेंट मॉडल एमएचसी स्कूल इंचार्ज भूपिंदर कौर आदि मुख्य अतिथिगण के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर बी के मुकेश दीदी जी और मनीमाजरा सेण्टर इंचार्ज बी के शीना दीदी ने बताया कि विश्व की सभी महान विभूतियों के जन्मोत्सव मनाए जाते हैं, लेकिन परमात्मा शिव की जयंती को जन्मदिन न कहकर शिवरात्रि कहा जाता है, आखिर क्यों? इसका अर्थ है परमात्मा जन्म-मरण से न्यारे हैं। परमपिता शिव अजन्मा हैं, अभोक्ता, ज्ञान के सागर हैं, आनंद के सागर हैं, प्रेम के सागर हैं, सुख के सागर हैं। उनका स्वरूप ज्योतिर्बिन्दु है। परमात्मा शिव परमधाम के निवासी है। शिव का अर्थ ही है ‘कल्याणकारी।’ परमात्मा शरीरधारी नहीं है। इसका मतलब ये नहीं कि उनका कोई आकार नहीं बल्कि स्थूल आंखों से न दिखने वाला सूक्ष्म ज्योति स्वरूप है। परमात्मा शिव को सभी ग्रंथों, पुराणों और वेदों में भी सर्वोपरि ईश्वर माना गया है।